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Wednesday, September 13, 2017

September 13, 2017

संघर्ष से मिलती है सफलता : हैरी

नरिंदर सलूजा, श्री मुक्तसर साहिब

सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, इसके लिए कठोर संघर्ष की जरूरत है। योग्यता व सहनशीलता से काम करने की लगन हो तो एक दिन सफलता जरूर इंसान के कदम चूमती है।

यह कहना है फिल्म एवं टीवी अभिनेता हरमंदर सिंह उर्फ हैरी का, जिनका श्री मुक्तसर साहिब पहुंचने पर प्रशंसकों ने भव्य स्वागत किया। शहर में राजू चिकन वाला के नाम से जाने जाने वाले हैरी ने अपने चिकन सेंटर से अपनी मेहनत व लगन के दम पर ही पहचान बनाई है। टेलीविजन एवं फिल्म इंडस्ट्री में कदम दर कदम सफल हो रहे हैरी ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में बताया कि कई साल मेहनत के बाद अब कहीं जाकर उन्हे बड़े बजट की फिल्में और सीरियलों में काम करने का मौका मिला है।

हैरी ने बताया कि फिलहाल उनके पास बड़े बजट की कई फिल्में है। उनके अनुसार आमिर खान के भाई हैदर अली, ग्रेसी सिंह, अवतार गिल अभिनीत फिल्म 'फार्म हाऊस', हेमंत बिरजे, अरूण बख्शी अभिनीत फिल्म 'डान के बाद कौन', शक्ति कपूर, दिलीप ताहिल, रज्जाक खान, उपासना सिंह अभिनीत फिल्म 'सोहणी दे नखरे' हॉरर मूवी 'काला मंदिर', 'वीरान' , किरण कुमार तथा अन्य नए कलाकारों से सजी एक फिल्म 'मुझे इश्क है तुम्हीं से' की शूटिंग लगभग पूरी हो चुकी है। फिल्म 'फार्म हाऊस' में मंत्रियों के फ ार्म हाऊस में होने वाले गैरकानूनी धंधों के बारे में दिखाया गया है। इसमें उनका किरदार लड़कियों के व्यापारी शेख का है। इस फिल्म में उन पर दो गीत भी फिल्माए गए है। 'मुझे इश्क है तुम्ही से' हिंदू लड़के तथा मुस्लिम लड़की की प्रेम कहानी पर आधारित है, जिसमें उसकी भ्रष्ट इंस्पेक्टर की भूमिका है। सुनील शैट्टी, अभिषेक बच्चन व विद्या बालन अभिनीत फिल्म 'भीष्मा' की भी 40 प्रतिशत शूटिंग पूरी हो चुकी है। इस फिल्म में उनका किरदार मुंबई के डान करीम अली खान का है।

गौरतलब है कि इससे पूर्व हैरी हिंदी फिल्म 'यमला पगला दीवाना', 'फोर्स' के अलावा जी टीवी के सीरियल 'झांसी की रानी' तथा सोनी टीवी के सीरियल 'अदालत' में भी काम कर अदाकारी का लोहा मनवा चुके है।

Friday, July 21, 2017

July 21, 2017

सडक़ हादसे में शराब ठेेकेदार की मौत- रावला-घड़साना मार्ग पर गाड़ी पलटी


 भवानी वाइंस के संस्थापक-संचालक शराब ठेकेदार भंवरसिंह भाटी (60) की बीती रात एक सडक़ हादसे में मौत हो गई। यह हादसा नई मण्डी घड़साना-रावला मार्ग पर आरडी 281 हैड मोड़ के पास हुआ। रावला पुलिस के अनुसार चक 13 केपीडी निवासी भंवरसिंह भाटी रात्रि लगभग 11 बजे किसी काम से अपनी सफारी गाड़ी खुद ड्राइव करते हुए घड़साना जा रहे थे। अचानक 281 हैड मोड़ के पास गाड़ी बेकाबू होकर पलट गई। भंवरसिंह भाटी गम्भीर रूप से घायल हो गये, जिन्हें कुछ राहगीरों ने रावला के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। आज सुबह उनके पुत्र अभिमन्यू सिंह की ओर से दुर्घटना का मामला दर्ज किया गया। पोस्टमार्टम करवाने के बाद भंवरसिंह भाटी का शव परिवार वालों को सौंप दिया गया। श्री भाटी की रावला, घड़साना, छत्तरगढ और श्रीगंगानगर में शराब की दुकानें थीं।

Saturday, February 25, 2017

February 25, 2017

खिदराना था... फि‍र मुक्‍तसर से बन गया श्री मुक्‍तसर साहिब

मुक्तसर से श्री मुक्तसर साहिब बने ऐतिहासिक नगर का प्रथम नाम खिदराना था एवं इस स्थान पर खिदराने की ढाब थी। उक्त क्षेत्र जंगली होने के कारण यहां अक्सर पानी की कमी रहती थी। पानी की भूमि सतह नीची होने के चलते यदि कोई यत्न करके कुएं आदि लगाने का प्रयत्न भी करता तो नीचे से पानी ही इतना खारा निकलता कि वह पीने के योग्य न होता।
इसलिए यहां एक ढाब खुदवाई गई जिसमें बरसात का पानी जमा किया जाता था और इस ढाब के मालिक का नाम खिदराना था जोकि फिरोजपुर जिले के जलालाबाद का निवासी था, जिस कारण इसका नाम खिदराने की ढाब मशहूर था। इस स्थान पर दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने मुगल हकूमत के विरुद्ध अपना आखिरी युद्ध लड़ा जिसे खिदराने की जंग भी कहा जाता है। जब दशम पातशाह गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1705 में धर्मयुद्ध करते हुए श्री आनंदपुर साहिब का किला छोड़ा तो आप ने दुश्मनों की फौज के साथ युद्ध करते विभिन्न स्थानों से होते हुए मालवे की धरती की ओर रुख किया। 
कोटकपूरा पहुंच कर गुरु जी ने चौधरी कपूरे से किले की मांग की परंतु मुगल हकूमत से डरते हुए उसने किला देने से इंकार कर दिया तो गुरु जी सिख सिपाहियों सहित खिदराने की ओर चल पड़े और खिदराने की ढाब पर जा पहुंचे। गुरु जी खिदराने में अभी पहुंचे ही थे कि दुश्मन की फौज सरहिंद के सूबेदार के नेतृत्व में यहां पहुंच गई। गुरु जी एवं उनके 40 महान योद्धा जोकि कभी बेदावा देकर गए थे, ने गुरु जी से मिलकर खिदराने की ढाब पर मोर्चा कायम कर लिया।
खिदराने की ढाब इस समय सूखी पड़ी थी। इसके आस-पास झाड़-फूस उगी हुई थी। सिक्खों ने झाड़ों का सहारा लेते हुए मुगल फौज पर हमला बोल दिया। यह युद्ध 21 बैसाख सम्मत 1762 विक्रमी को हुआ। युद्ध के दौरान सिख फौज की बहादुरी देखकर मुगल फौज युद्ध के मैदान से भाग गई। इस युद्ध में मुगल फौज के बहुत से सिपाही मारे गए और गुरु जी के भी कई सिख शहीद हो गए।
इसी स्थान पर गुरु गोबिंद सिंह जी ने भाई महा सिंह का वह बेदावा जो वह अपने साथियों सहित आनंदपुर में दे आए थे, से उनको मुक्त किया एवं भाई महा सिंह को अपनी गोद में लेकर बेदावा फाड़ दिया। भाई महा सिंह जी ने इसी स्थान पर शहीदी प्राप्त की। इस युद्ध में माता भाग कौर ने भी जौहर दिखाए। घायलों की मरहमपट्टी गुरु जी ने स्वयं की एवं तंदुरुस्त होने के पश्चात उन्हें खालसा दल में शामिल कर लिया।
ऐतिहासिक गुरुद्वारे

गुरुद्वारा टुट्टी गंढी साहिब 
 इस स्थान पर गुरुगोबिंद सिंह जी ने भाई महा सिंह को अपनी गोद में लेकर उनके साथियों द्वारा आनंदपुर में दिया बेदावा फाड़ कर उनकी गुरु के साथ टुट्टी गंढी थी जिस कारण इस गुरुद्वारा साहिब का नाम गुरुद्वारा टुट्टी गंढी साहिब है।

गुरुद्वारा तंबू साहिब 
मुगलों के साथ खिदराने के युद्ध के समय जिस स्थान पर सिखों द्वारा तंबू लगाए गए थे, वहां गुरुद्वारा तंबू साहिब सुशोभित है। गुरुद्वारा माता भाग कौर जी खिदराने की जंग में युद्ध कौशल दिखाने वाली महान सिख योद्धा माता भागो की स्मृति में गुरुद्वारा तंबू साहिब के साथ ही माता भाग कौर जी का गुरुद्वारा बनाया गया है।
गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब 
इस स्थान पर गुरु गोबिंद सिंह जी ने क्षेत्र के सिखों की सहायता से मुगलों के साथ युद्ध करते समय शहीद हुए चालीस मुक्तों का अंतिम संस्कार किया था। इस कारण यहाँ यहां शहीदो की याद मे गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब सुशोभित है। 
गुरुद्वारा श्री टिब्बी साहिब
यह वह स्थान है जहां से श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब ने मुगलों के साथ हुए इस निर्णायक युद्ध में टिब्बी के उपर से तीरों की बौछार कर उनको नाको चने चबवाए थे। इसी स्थान पर गुरुद्वारा श्री टिब्बी साहिब सुशोभित है। 

गुरुद्वारा रकाबसर साहिब 
यह वह स्थान हैं जहां दशमेश पिता के घोड़े की रकाब टूट गई थी। जब गुरु साहिब टिब्बी साहिब से उतर कर खिदराने की रणभूमि की ओर चले तो घोड़े की रकाब पर पांव रखते ही वह टूट गई थी। अब तक वह टूटी हुई रकाब उसी प्रकार सुरक्षित रखी हुई है तथा वहां गुरुद्वारा रकाबसर बना हुआ है।
गुरुद्वारा तरनतारन दु:ख निवारण साहिब
गुरुद्वारा तरनतारन दुख निवारण भटिंडा रोड पर स्थित है जहां प्रत्येक रविवार श्रद्धालु सरोवर में स्नान करते हैं। चालीस मुक्तों की इस पवित्र धरती पर माघी के शुभ अवसर पर दूर-दूर से लाखों की संख्या में आए श्रद्धालु यहां बने पवित्र सरोवर में स्नान कर अपने जीवन को सफल बनाते हैं। यह वह पवित्र स्थान है जहां गुरु जी की कृपा से बेदावा देकर आए सिखों की भी टुट्टी गंढ गई थी। आओ इस पवित्र दिवस पर हम सभी भी अरदास करें कि टुट्टियां गंढन वालिया सानू गंढ के रखीं।

Tuesday, August 21, 2012

August 21, 2012

जलालाबाद रोड पर चला नगर कौंसल का लाल पंजा

पुलिस की उपस्थिति में लगाए गए अतिक्रमण


श्री मुक्तसर साहिब 21 अगस्त 2012

मंगलवार सुबह साढ़े दस बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक शहर में चला अतिक्रमणों पर नगर कौंसिल का लाल पंजा। उल्लेखनीय है कि शहर में पिछले लंबे समय से नगर कौंसिल की लापरवाही के कारण दुकानदारों द्वारा सड़कों के दोनों ओर दुकानों के आगे अतिक्रमण किए हुए है। नगर कौंसिल की ढिलपुल कारगुजारी के कारण कुछ सड़कों पर तो दुकानदारों ने दुकानों के आगे 20-20, 25-25 फीट तक अतिक्रमण किए हुए है। जिससे खुली सड़क भी तंग होकर रह गई है। जिस कारण शहर के बाजारों में अकसर ट्रैफिक जाम रहता है। इस संबंध में जिला प्रशासन व माननीय हाईकोर्ट ने भी शहर की सड़कों से अतिक्रमण हटाने के लिए नगर कौंसिल को पिछले लंबे समय से आदेश दिए हुए थे। आखिर आज साढ़े दस बजे तहसीलदार रविंदर बांसल, ईओ गुरसेवक सिंह व सिटी प्रभारी जसवीर सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल व नगर कौंसिल के कर्मचारियों को साथ लेकर अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया गया। ये पूरा अमला रेलवे फाटक के पार श्री रघुनाथ मंदिर के पास पहुंचा जहां सबसे पहले एक हलवाई, इलैक्ट्रीशन व बीड़ी सिगरट के खोखे का अतिक्रमण हटाया। इस अभियान दौरान दुकानों के शटरों के बाहर बने थड़े, दुकानों पर लगे फ्लैक्स व छ"ो भी उखाड़ दिए गए। इस अभियान के तहत पुरानी अनाज मण्डी के अंदर गौशाला की बनी दीवार को भी गिरा दिया गया। जिससे गौशाला के अंदर घूमते पशु बाहर सड़कों पर आ गए। शहर निवासियों में गौशाला की दीवार तोडऩे के प्रति भारी रोष पाया जा रहा है। शहर निवासियों ने कहा कि इस दीवार के तोडऩे से चार दीवारी के अंदर रह रहे बेसहारा पशु अब सड़कों पर आकर ट्रैफिक में बाधा उत्पन्न करेंगे। आम शहरियों ने इस अतिक्रमण हटाओ अभियान को नगर कौंसिल द्वारा देरी से उठाया गया अ'छा कदम बताया। लोगों ने कहा कि अतिक्रमणों के कारण व आवारा पशुओं के कारण भी शहर में ट्रैफिक समस्या बनी हुई थी। अतिक्रमण हटाने से ट्रैफिक समस्या का समाधान हो जाएगा। दूसरी ओर दुकानदारों का कहना है कि नगर कौंसिल अतिक्रमण हटाते समय पक्षपात की नीति अपनाती है। यदि निष्पक्ष रूप से अतिक्रमण हटाए जाए तो किसी को कोई परेशानी नहीं। जब एक दुकानदार को छोड़ दिया जाता है तथा दूसरे का अतिक्रमण हटाया जाता है तब मन को ठेस पहुंचती है। नगर कौंसिल के ईओ गुरसेवक सिंह ने कहा कि अब लगातार अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी रहेगा। उन्होंने समूह दुकानदारों से अपील की कि अपने दुकानों के आगे अवैध रूप से बनाए थड़े, छ"ो व लगाए गए फ्लैकस स्वयं हटा ले अन्यथा किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा।

Wednesday, February 8, 2012

February 08, 2012

दिल की बात कह न पाएं तो टेंशन छोड़ दीजिए। फूल हैं न!

बात मोहब्बत के इजहार की हो या दोस्ती के पहल की। दिल की बात कह न पाएं तो टेंशन छोड़ दीजिए। फूल हैं न! फूल कहेंगे आपके दिल की बात और आपकी भावनाओं को पहुंचाएंगे आपकी चाहत तक, क्योंकि हर फूल कहता है कुछ खास। मंगलवार को रोज डे है। इस दिन से वेलेंटाइन वीक का शुरुआत हो जाएगा फिर दिखाई देगा 'प्यार ही प्यार', लेकिन फूलों की खुशबू अभी से ही खुमारी को बढ़ा रही है। फूलों की दुकानों पर युवाओं की भीड़ दिख रही है तो दुकानदार खुश।
वेलेंटाइन वीक सिर्फ प्रेमी-प्रेमिका के लिए नहीं है, बल्कि जिसे आप अधिक प्यार करते हैं उसे हैप्पी वेलेंटाइन कह सकते हैं। रोज डे के साथ ही वेलेंटाइन सप्ताह शुरू हो जाता है। इस दिन कोई गुलाब देकर प्यार तो कोई पीला फूल देकर दोस्ती, तो कोई गुलाबी फूल देकर दोस्ती भरा प्रेम का इजहार करेगा। प्यार एक ऐसी चीज है, जिसके माध्यम से व्यक्ति जीना सीखता है। यही कारण है कि युवा भी इसकी चाहत रखते हैं और इसकी तैयारी भी कर रहे हैं। मॉडल टाउन स्थित गिफ्ट गैलरी, डीएवी कालेज के पास स्थित आर्चीज गैलरी व आदर्श नगर हालमार्क गैलरी में यूथ प्यार व नई दोस्ती का इजहार करने के लिए आर्टिफिशियल फूल, लाल रंग के टेडीबियर व चाकलेट गिफ्ट खरीद रहे हैं। युवा नर्सरी में भी रोज डे को लेकर लाल गुलाब व पीला फूल की खरीदारी कर रहे हैं। हर कोई यही सोच रहा है कि वह इस दिन दोस्त व प्रेमिका को गुलाब व गिफ्ट भेंट कर प्यार का इजहार करेगा। डीएवी कालेज के पास स्थित आर्चीज गैलरी में खरीदारी कर रहे मनमोहित सिंह, नितिश शारदा व किशनपाल ने बताया कि प्यार का इजहार करने के लिए गुलाब का फूल खरीदा है। इस दिन वह बिना किसी डर से प्यार का इजहार करेंगे। आर्चीज गैलरी के संचालक विमल लूथरा ने बताया कि रोज डे को लेकर युवा लाल व पीले रंग की आर्टिफिशियल फूल खरीद रहे हैं।
फूलों की भाषा
गुलाब फूल - प्यार का इजहार करने के लिए
ओरेंज फूल- दिल के करीब रहने वाले दोस्तों के लिए
पीला फूल- नई दोस्ती की शुरुआत
काला फूल- तुमसे प्रेम नहीं
चमेली फूल- मेरा पवित्र प्रेम
गुलाबी गुलाब- दोस्ती भरा प्रेम
सफेद गुलाब- मासूमियत भरा आकर्षण
लाल ट्यूलिप - तुम पूर्ण प्रेमी हो
सफेद लिली- तुम प्यारे हो
पीला लिली- धन्यवाद
बैंगनी लिलाक-मैंने पहली बार प्यार महसूस किया
लाल सफेद-एकनिष्ठ समर्पण
पूरा सप्ताह है खास
7 फरवरी-रोज डे
8 फरवरी- प्रपोज डे
9 फरवरी -चाकलेट डे
10 फरवरी- टेडी डे
11 फरवरी-प्रोमिस डे
12 फरवरी-किस डे
13 फरवरी- हग डे
14 फरवरी- वेलेंटाइन डे
15 फरवरी-स्लैप डे

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