पंजाब सरकार नहीं मानती मुक्तसर को श्री मुक्तसर साहिब!
नरिंदर सलूजा, श्री मुक्तसर साहिब
चालीस मुक्तों की पावन धरती होने का सम्मान मिलने के बाद खिदराणा की ढाब से मुक्ति कासर अर्थात मुक्तसर के रूप में विकसित ऐतिहासिक शहर को सरकार ने आदेश जारी कर श्री मुक्तसर साहिब का दर्जा देकर गौरवांवित किया है। केंद्र सरकार से मंजूर होने के बाद पंजाब सरकार ने भी सभी कार्यालयों में श्री मुक्तसर साहिब लिखना जरूरी किया है, लेकिन खुद सरकार शायद यह जरूरी नहीं समझती? इसका प्रमाण है प्रदेश सरकार की ओर से प्रकाशित वर्ष 2011 की सरकारी डायरी जिसमें शहर का नाम महज मुक्तसर ही लिखा हुआ है।
गौरतलब है कि शहर को श्री मुक्तसर साहिब का दर्जा मिलने के बाद राज्य सरकार द्वारा भी सभी दफ्तरों आदि में शहर का नाम श्री मुक्तसर साहिब लिखने के आदेश दिए गए। सभी कार्यालय के बाहर भी लगे बोर्ड पर श्री मुक्तसर साहिब लिख दिया गया व लगभग सभी सरकारी कार्यालयों ने भी इसको अपना लिया। पुलिस की गाड़ियों, रोडवेज की गाड़ियों व अन्य स्थानों पर भी श्री मुक्तसर साहिब लिखा दिखाई देने लगा है, लेकिन क्या खुद सरकार मुक्तसर को श्री मुक्तसर साहिब मानने के लिए तैयार नहीं है?
सरकारी डायरी में जहां शहरों के एसटीडी कोड लिखे जाते हैं वहां पर तो मुक्तसर लिखा ही है जहां क्षेत्र के विधायकों के नाम लिखे गए है वहां पर भी मुक्तसर ही प्रकाशित किया गया है। हालांकि नवांशहर को शहीद भगत सिंह नगर का दर्जा दे दिया गया है। इस संबंध में सूचना व लोक संपर्क विभाग के डायरेक्टर डीएस मांगट ने कहा कि उनके पास अभी डायरी ही नहीं पहुंची है।