नरिंदर सलूजा, मुक्तसर
कहते है जहां चाह वहां राह..,जब आगे बढ़ने की चाह तथा जज्बा रखने वाले को यदि सरकार से भी सहयोग मिल जाए तो उनके कदमों को मंजिल मिल ही जाती है। कुछ इसी तरह की योजना है केंद्र सरकार की स्वर्ण जयंती ग्राम स्व रोजगार योजना (एसजीएसवाई) जिसके तहत ग्रामीण महिलाओं को ग्रुप बनाकर रोजगार के लिए मदद दी जाती है। मुक्तसर जिले में फिलहाल इस तरह के 303 सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएसजी) चल रहे हेैं।
अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर वरुण रूजम ने दैनिक जागरण को बताया कि जिला देहाती विकास एजेंसी मुक्तसर द्वारा एसजीएसवाई के तहत एसएचजीं को बैंकों द्वारा ढाई लाख से लेकर 5 लाख रुपये तक का कर्ज दिलवाया जाता है। उनके अनुसार इसमें करीब पचास फीसदी सब्सिडी दी जाती है, जो कि अधिकतम 1.25 लाख रुपये तक हो सकती है। उन्होंने बताया कि जिले में फिलहाल 330 सेल्फ एसएचजी काम कर रहे है तथा वर्ष 2008-09 में रखे गए 50 नए ग्रुप बनाने के लक्ष्य में से 32 एसएचजी बन चुके है। इस साल अब तक 16 ग्रुपों को 1.60 लाख रुपये रिवाल्विंग फंड दिया गया है तथा 15 ग्रुपों को 44 लाख रुपये का कर्ज बैंकों की तरफ से दिलाया जा चुका है। इसमें से 13 लाख 85 हजार रुपए की सब्सिडी दी गई है।
इस योजना के तहत चल रहे कुछ ग्रुपों का दैनिक जागरण ने अपने दौरे में मुआयना किया। इसके तहत काम कर रही महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया। गांव थांदेवाला में बेबे नानकी सेल्फ हैल्प ग्रुप बनाकर काम कर रही महिलाओं ने अपने बनाए मिट्टी के बर्तन, सीमेंट का सामान, मिट्टी के खिलौने व अन्य सामान दिखाने के साथ ही खुद चाक घुमाकर मिट्टी के बर्तन बनाकर दिखाए। इस ग्रुप की राजपाल कौर, जल कौर, मिश्रो, माया देवी, मायावती, भिंदर कौर, माया, संतरो देवी व सुखपाल कौर ने बताया कि इस योजना के तहत उनको रोजगार मिल गया है तथा उनका परिवार का गुजर बसर आसान हो गया है। उन्होंने अन्य लोगों को भी उक्त योजना का लाभ उठाने के लिए अपील की।
इसी तरह गांव धिगाना में चल रहे बीबी भानी सेल्फ हैल्प ग्रुप की सदस्याओं कोमलप्रीत कौर, लखविंदर कौर, कुलदीप कौर, चरणजीत कौर, गुरमीत कौर, राज कौर, हरजिंदर कौर, वीरा बाई, निर्मल कौर व सुखजिंदर कौर ने भी इस योजना को सराहा। उन्होंने बताया कि पहले उन्होंने 25 हजार रुपये लोन उतारकर 50 हजार रुपये लोन लिया और इसे भी उतार दिया। अब उनके ग्रुप ने 1.30 लाख रुपये लोन लिया है। उन्होंने केंद्र सरकार की इस योजना के बारे में लोगों को जागरूक करने की जरूरत पर जोर दिया ताकि अन्य जरूरतमंद लोग भी इसका लाभ उठा सकें।
इस संदर्भ में मुक्तसर ब्लाक की ग्राम सेवक शोभा ने बताया कि इन ग्रुपों द्वारा तैयार सामान जिला स्तर पर या भारत सरकार द्वारा आयोजित मेलों में बेचा जाता है। उनके अनुसार यह ग्रुप हैंडलूम, दरियां, खेस, चादरें, डेकोरेशन का सामान, साफ्ट खिलौने, फुलकारी आदि तैयार करने के अलावा पेंटिंग व सिलाई कढ़ाई आदि का काम करते है।