नरिंदर सलूजा, मुक्तसर
मुक्तसर व आस पास पंजाब स्टेट लाटरी की टिकटें बेचकर अपना व परिवार का पेट पालने के अलावा पढ़ाई का खर्च निकालने वाले दो मेहनतकश बच्चों का बाल दिवस थाने के चक्कर लगाने में बीत गया। इन बच्चों से एक प्रापर्टी डीलर ने न सिर्फ टिकटें छीन ली बल्कि मामला बढ़ता देख वह अपनी निजी जान पहचान का फायदा उठाते हुए थाने पहुंच गया, जिसके चलते अपनी टिकटें वापिस लेने के लिए बच्चों को दिनभर इधर उधर भटकना पड़ा।
जानकारी के अनुसार गोनियाना रोड पर रहने वाले दो निर्धन परिवारों के बच्चे भिंदर व भानी महंगाई के इस दौर में पढ़ाई के साथ खेलने कूदने अथवा कोई गलत धंधा करने के बजाय पंजाब स्टेट लाटरी की टिकटें बेचते है। जिक्र योग्य है कि अपने भावी भविष्य को लेकर चिंतित देश के भविष्य रूपी यह मासूम बालक समय अपनी पढ़ाई खर्च निकालने के साथ पेट पालने में परिवार की मदद करते है। शनिवार को बाल दिवस के अवकाश को देखते हुए सुबह सवेरे टिकटें बेचने निकले इस बच्चों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि टिकटें बेचकर फायदा होने के बजाय आज का सारा दिन उनको थाने के चक्कर काटने में ही बीत जाएगा। जैसे ही यह बच्चे टिकटें लेकर गुरुद्वारा शहीद गंज साहिब के पास पहुंचे एक प्रापर्टी डीलर ने उनको बुलाकर उनसे सभी टिकटें ले ली, बच्चों द्वारा मिन्नतें करने के बावजूद जब उसने टिकटें देने पर रोते हुए बच्चे वापस लौट गए तथा अपने परिजनों को बताया। इसके बाद परिजनों से मोहल्ले के लोगों के बाद बात धीरे धीरे बढ़ने लगी।
मामला बढ़ता देख प्रापर्टी डीलर ने अपनी जान पहचान का फायदा उठाते हुए टिकटें थाने पहुंचा दी। बच्चों को टिकटें लौटाने व संबंधित प्रापर्टी डीलर पर कार्रवाई के बजाय बच्चों से ही तरह तरह के सवाल किए जाने लगे। दैनिक जागरण को सूचना मिलने पर डीएसपी हेडक्वाटर ब्रजिंदर पाल सिंह के ध्यान में मामला लाए जाने के पश्चात दोपहर साढ़े तीन बजे के बाद कहीं जाकर बच्चों को उनकी टिकटें मिल सकीं। यही नहीं खुद थाना सिटी के अंदर दीवार के पास बने चाय के अड्डे पर पर कार्यरत बच्चा चाहे थाने के इन कर्मचारियों को चाय पकड़ाते हुए बाल मजदूर नजर न आए, लेकिन इन बच्चों को बाल मजदूरी करने जैसे सवालों से दो चार होना पड़ा। इनमें से एक बच्चे ने गमगीन आंखों से बताया कि उसके पिता दमे से पीड़ित है, तथा आज छुट्टी के दिन दिनभर में कुछ टिकटें बिक जाती तो उनकी दवा लाने में आसानी रहती लेकिन किसी की मजबूरियों की परवाह कौन करता है।