- राजनैतिक गलियारों में पीपीपी के सरगर्म नेता फक्करसर के त्याग पत्र की ही चर्चाएं
नरिंदर सलूजा, श्री मुक्तसर साहिब
पूर्व वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के ओएसडी रहे चरनजीत फक्करसर ने उनकी पार्टी पीपल्स पार्टी आफ पंजाब को त्यागपत्र देते हुए करारा झटका दे डाला है। अचानक फक्करसर द्वारा लिए गए इस फैसला राजनैतिक गलियारों में विशेष चर्चा का विषय बना हुआ है।
गौर तलब है कि चरनजीत सिंह फक्करसर वित्तमंत्री कार्यकाल में मनप्रीत सिंह बादल के ओएसडी थे तथा सभी कार्यों की बागडोर अथवा देखरेख उने जिम्मे ही थी। अपने त्याग पत्र में मनप्रीत सिंह बादल को संबोधन करते हुए उन्होंने कहा है कि हालांकि वह सौभाग्यशाली हैं कि उनको ना सिर आपे साथ रहने का अवसर मिला बल्कि उनको समूचे बादल परिवार सहित मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व गुरदास बादल का भी भरपूर प्यार मिला। अपने पत्र में उन्होंने अकाली दल बादल से मनप्रीत बादल के त्यागपत्र के दौरान भी बादल परिवार के साथ रहकर सत्ता का सुख भोगने के बजाय उने साथ आना उचित समझा। इसे बाद पार्टी के गठन के समय श्री अमृतसर साहिब गुरुद्वारे में ली गई सौगंध के अनुसार उन्होंने मनप्रीत बादल को अपने ही बनाए नियमों की अनदेखी की बात भी कही है। फक्करसर के अनुसार पार्टी में परिवारवाद को कोई जगह ना देने का ऐजेंडा लेकर चलने के बावजूद इसे विपरीत कोर कमेटी की बैठक में आपे द्वारा अपने रिश्तेदारों को ही अहमीयत दी जाती है। यही नहीं पार्टी से जाने वाले कन्ग सहित अन्य नेताओं ने भी इसी वजह से पार्टी छोड़ी है लेकिन आपके द्वारा उनको मनाने आदी के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। इसे अलावा उन्होंने खुद अपने खिलाफ सत्ता पक्ष द्वारा मामला दर्ज करने के बाद उनके भाई व पिता को भी झूठे मामले में गिरफ्तार कर लेने के बावजूद कोई एक्शन ना लेने पर भी अफसोस जताते हुए कहा कि अन्य पीपीपी नेताओं को भी सत्ता पक्ष तंग परेशान करता आ रहा है लेकिन आपने कोई सख्त एक्शन लेकर रोष धरना तक लगाना उचित नहीं समझा। इन हालातों में चरनजीत फक्करसर ने मनप्रीत बादल के ही कहे शब्दों को दोहराते हुए "पदों की महत्ता नहीं लेकिन इज्जत व वक्कार की है" कहते हुए त्याग पत्र देकर पीपल्स पार्टी आफ पंजाब को अलविदा कहकर करारा झटका दिया है। इस त्याग पत्र को लेकर राजनैतिक गलियारों में खूब चर्चाएं हैं।