नरिंदर सलूजा, श्री मुक्तसर साहिब
महंगाई की मार से त्योहार भी अछूते नहीं हैं। होली, दीपावली की तरह रक्षाबंधन पर भी बाजारों में महंगाई का प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है। हालात यह है कि अधिकांश बहनें भाइयों की कलाई में बांधने के लिए प्रेम की डोर के रूप में राखी की बजाय मोली का धागा खरीदने में दिलचस्पी ले रही हैं।
गौर हो कि पिछले कुछ समय से बढ़ी महंगाई ने आम आदमी को बुरी तरह से प्रभावित किया है। इसका प्रभाव त्योहारों पर भी पड़ रहा है। महंगाई के कारण जहां पिछले दीपावली पर पटाखे कम गूंजे वहीं होली पर पहले के मुताबिक रंग फीके ही नजर आए। इसी तरह इस बार रक्षाबंधन भी इसके प्रभाव से बच नहीं पाया। पहले जहां रक्षाबंधन से महीनों पहले दुकानों पर राखी के स्टाल लग जाते थे और बहनें त्योहार से काफी समय पूर्व ही दूरदराज रहने वाले भाइयों को डाक से राखी भेजने लगती थीं, वहीं इस बार बाजारों में रौनक कम नजर आ रही है। स्थिति यह है कि भाई बहन के प्यार के प्रतीक रक्षा बंधन के त्योहार में महज दो दिन शेष हैं, लेकिन बाजारों में जहां राखी के स्टाल कम ही नजर आ रहे हैं, वहीं राखी खरीदने में बहनों की भी दिलचस्पी कम देखी जा रही है। दुकानदारों के अनुसार राखी मंहगी होने के कारण बहने मोली का धागा खरीदने में दिलचस्पी ले रही हैं। इसके अलावा राखी बांधकर भाई का मुंह मीठा कराने के लिए इस बार मिठाई की जगह बहने चाकलेट खरीदना ज्यादा पसंद कर रही हैं।